Thursday, December 30, 2010

!!!!!!!!नया साल मुबारक हो!!!!!!

हम रोशन हों जग में सूरज की तरह 
अरसे, पल में बदल जाएँ
यही राह-ए-मंजिल की हैसियत हो
सफ़र आमद हों बन के हवाओं के झोंके
कि एक यह जा, एक वह जा

कोसों दूर से दिखाई दें अपनी कर्म पताकाएं
और हम मशगूल हों रोज़ रोजाना 
नयी रानाईयाँ लाने में
बानगी हमारी, हर तरफ हो तारी
कहीं कोई ना हो बेक़रारी

इज़हार हो,
हमारा प्यार बेशुमार
बिसाल-ए-यार होता रहे
इस तकनीक की आंधी में भी
नया साल, साल के पेड़ सा मजबूत जीवन दे
कि जैसे साल की बनायीं जाती है चौखट 
घर के दरवाजों के लिए
हम बनें साल की लकड़ी, 
अपने घर के लिए, 
अपनों के लिए
!!!!!!!!नया साल मुबारक हो!!!!!!!

(अभिषेक त्रिपाठी) 

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