अपना सर्वश्रेष्ठ - एक
मेरी सारी उपलब्धियां
सारा जीवन
और दुनियां
सभी अछूते हैं अभी
उससे
फिर भी
आपाधापियों के बीच
अपने अटूट विश्वास के साथ
बचा कर अपने अंत के लिए
रख लिया है मैंने
अपना सर्वश्रेष्ट
अपना सर्वश्रेष्ठ - दो
बहता पानी नदी का
जेठ आषाढ़ की धूप में भी
बचाए रखता है
अपनी ठंडक
अपनी आत्मा की तरह
जैसे बचा लेती है धूप
अपनी गर्मी
बर्फीले दिनों में भी
वैसे ही कुछ दिनों के लिए
मैंने भी बचा कर रखा है
अपना सर्वश्रेष्ठ
copyright : Abhishek Tripathi
wow bhaiya... aap likhte bhi hai???
ReplyDeletegazab...
Nice... Good one... be continue...
ReplyDeleteJIS TARAH BAR BAR JANG LADHANE SE TALWAR KI DHAR TEZ HOTI HE... AAPAKI KAVITAEN BHI SARVASHRESHTHA HO JAYENGI...
Thumbs Up from ME!
- Sandeep Kumar